प्रत्येक वर्ष मई मास के अन्तिम तीन दिनों (शनि, रवि, सोमवार) में गुरुकुल का वार्षिकोत्सव भव्यरूप से मनाया जाता है। (सामान्य रूप से इन दिनों में गर्मी का वातावरण होता है, परन्तु आबूपर्वत पर इन दिनों में भी वातावरण शीतल ही होता है। इस अवसर पर यज्ञ, भजनोपदेश तथा विद्वानों के व्याख्यानों के अतिरिक्त गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के योगासन, प्राणायाम, मल्लखंभ कराटे तथा लाठी-भाला- तलवार-चालन इत्यादि कई शारीरिक शक्ति के प्रदर्शन एवं व्याख्यान, शास्त्रार्थ तथा शास्त्रस्मरण की प्रस्तुति के कार्यक्रम भी होते हैं। उत्सव का निमन्त्रण सार्वजनिक रूप से दिया जाता है ।।